वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
३० अगस्त २०१३
एच.आई.ई.टी, गाज़ियाबाद
प्रसंग:
हमेशा विरोधाभास क्यों बना रहता है?
मन हमेशा उलझन में क्यों रहता है?
मन अशांत क्यों हो जाता है? मन को कैसे सुलझाएं?
सही जीवन कैसे जीएं? मन की उलझन को कैसे मिटाएँ?
मनुष्य के मन में उलझन क्यों रहती है?
मन की समस्याओं को कैसे दूर करें?
जीवन में इतने विरोधाभास क्यों?
जीवन में विरोधाभास कैसे हटाए?
मन विचारों से क्यों घिरे रहता है?
विचारों को आने से कैसे रोकें?
मन हमेशा सोचता क्यों रहता है?
संगीत: मिलिंद दाते